दुनिया का सबसे पुराना ग्रंथ कुरान बाइबल या वेद BY Acharya Yogesh Bhardwaj Ji || Vaidik Prachar
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- Опубликовано: 9 фев 2025
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#Vaidikprachar #Aryasamaj #Swamidayanand
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
किसी बड़े एरिया विशेष मे रहने वाले लोगों का आचार-विचार, कार्य-व्यवहार, रहन-सहन, रीति-रिवाज, शिक्षा-संस्कार आदि के पालन के परिणाम का जो सामाजिक स्वरूप निकल कर आता है यही वहां की संस्कृति कहलाएगी, 24:00 इसीलिए तो हर देश या प्रदेश या भौगोलिक क्षेत्र की अलग-अलग संस्कृतियां और उनके नाम भी अलग-अलग हैॅ ।संछिप्त रूप मे कहे तो प्रकृति और सामाजिक समुच्चय का स्वरूप ही संस्कृति है।
महाशय ,1.वेद की रचना किस सदी में हुई थी और इस का ऐतिहासिक प्रमाण क्या है?
2.वेद की रचना किस लिपि में हुई और इस का ऐतिहासिक प्रमाण क्या है?
आशा है प्रमाण के साथ उत्तर देंगे।
नहीं देगे अगर सच बोल दिया तो पोल खुल जाएगी 😂😂 सबसे पुरानी पांडुलिपि 1464 की हे 😂
कुरान की 1400 साल पुरानी कार्बन डेटिंग करी कुरान की पांडुलिपि, मौजूद हे, सहाबा ने जो पत्तरों पर लिखी कुरान की आयात वो मौजूद,
वेद की सबसे पुरानी पांडुलिपि 1464 ad की मिली वो भी सिर्फ ऋग्वेद की 30 पांडुलिपि, 1 शारदा लिपि, 29 देवनागरी लिपि में,
आचार्य जी ,, आपको कोटि कोटि प्रणाम ❤❤
श्रेष्ठतम।
पुर्णतया सत्य वचन।
काश हिन्दू समाज अपने सृष्टि ज्ञान को जानकर पुरे विश्व को अमृत रुपि ज्ञान के प़काश से प़काशित कर दे 👍👏
भारत में खीर खाने से बचा पैदा होता है😮😅😊
सत्यार्थ प्रकाश पढ़ें
Bahut bahut sundar aacharya ji
भारत में लोग मुख से भी पैदा होते हैं।
मुख से पैदा होने का भावार्थ है कि जो अपने बुद्धि, सुस्वर व पवित्र शास्त्रों का उच्चारण करते हुए ब्राह्मणत्व को प्राप्त करें वो द्विज भी कहलाते हैं।
जन्म से कोई सामान्य होता है, पर अपने भन, बुद्धि, कर्म व वचन से अपनी विशिष्टता को प्राप्त करता है🙏
Muh se na jaane kaha kaha se paida hote.....men dake se, pasina se, darti se, sooraj se, anda se, vada yahi sikaata hai....onion, ginger garlik b...fir baad me logon me revolution huwa tho sex karke bacche paida kiya karne lage
@@mohitkumarverma3197मानव के लिएलिखा है तोभवार्थ अपने से निकाते है
वेदों में लिखा है अगर शूद्र वेद सुन ले तो उनके कानों में पिघला हुआ शीशा भर दे ऐसे भेद है भाई आर्यों के धन्नो गुरु
वेदों में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है।
@@JBGoyal-tf3jf शंकर भास्य,मनुस्मृति,पराशर स्मृति,धर्मसूत्र,सब में लाखा है,रामायण में तो राम ने शम्बुक शूद्र का गला ही काट दिया ,गीता, महाभारत सब SC,ST,और OBC के विरोध में है।
@@JBGoyal-tf3jf
वेद के दशम मंडल के पुरूष सुक्त में ही लिखा है शूद्र की उत्पत्ति पैर से है । फिर आगे का नाटक शुरू हुआ यानी वेद के आधार पर सभी धर्म ग्रंथ की रचना हुई।
, OBC और ST को अपने साथ मत घसीटो.. आरक्षण के सिवाय वे लोग आपसे सहमत हो वो जरूरी नहीं!
ऐसा तो वेदों में कही नही लिखा! पहले खुद पढ़ो, सुनी सुनाई बातो को अंतिम मत समज लो ! हर मन्वंतर के अलग अलग मनु हुवे है, पृथ्वी के प्रलय के वक्त जो बाइबल इत्यादि में नोहवा की कहानी है, वो मनु कि ही कहानी है..
नमस्ते आचार्य जी बहुत अच्छा
हमारे पूर्वजों द्वारा दी गई परंपराओं व सभ्यता को ही संस्कृति कहते हैं।
अदभुत ज्ञान सिर्फ आर्य समाज के पास ही मिल सकता है, महर्षि दयानंद सरस्वती जी को शत् शत् नमन ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
वेद की पहली पांडुलिपि सन् 1469 ईस्वी में मिली है। इसका मतलब इसी समय के आस-पास वेदों की रचना हुई है। संस्कृत का मतलब है संस्कार की हुई भाषा। अर्थात किसी भाषा का संस्कार करके संस्कृत बनाई बनाई गई।
सर, मैं थोड़ा इसमें सुधार चाहुंगा कि वेद कि पहली पांडूलिपि 1469 कि नहीं, अपितु , 1464 A.D.कि हैं। जो, भारत सरकार ने Dossier के तौर पर UNESCO में दीया हैं।
ब्राहमण शास्त्र.
जिनको ब्राहमणो ने लिखा ब्राहमणो ने बांचा
ब्राहमण हित को सर्वोपरि रखा
बिल्कुल भी बिना जांच पडताल के स्वीकार्य नही है क्योकि ब्राहमण कभी भी सत्य व न्यायिक प्रवृति के नही होते है
सत्य यह है कि देवनागरी लिपी और संस्कृत बमुशकिल आठ सौ वर्ष पुरानी है
शोर मचाते है हजारों लाखों वर्ष पुराना होने का
भारत के स्वर्णिम युग के इतिहास को तबाह करने वाला यही समाज रहा है
Vo.sanskrat.bhasha.nhi.apitu.sanskriti.poonch.rhe.mtlb.sanskaro.per.chalna.arthat,sanskari.ko.murt.rup.dena.sanskaro.ko.aakar.de.
Aap ka gyan adhura hai. Aap ne Bible ka New Testament naya niyam ke bare may bataya hai. Old Testament bhi hai jise Purana Niyam kehte hai. Usko par lo, pata chal jayega kon se Pavitra Pustak sab se purani hai.
वेद ही सर्वोपरि है
ब्राहमण शास्त्र.
जिनको ब्राहमणो ने लिखा ब्राहमणो ने बांचा
ब्राहमण हित को सर्वोपरि रखा
बिल्कुल भी बिना जांच पडताल के स्वीकार्य नही है क्योकि ब्राहमण कभी भी सत्य व न्यायिक प्रवृति के नही होते है
सत्य यह है कि देवनागरी लिपी और संस्कृत बमुशकिल आठ सौ वर्ष पुरानी है
शोर मचाते है हजारों लाखों वर्ष पुराना होने का
भारत के स्वर्णिम युग के इतिहास को तबाह करने वाला यही समाज रहा है
सत्य सनातन धर्म की जय हो, ये बात बिल्कुल सत्य है वेद संस्कृत में नही है।🙏🙏
बहुत ही अच्छा और विद्वता पूर्ण विश्लेषण तथा प्रवचन।
श्रीमान योगेश भारद्वाजजी वेद का प्रमाणित साक्ष्य ही बता दीजिए कि कब लिखा गया।जो भारत सरकार द्वारा Unesco को प्रमाण के रूप में दीया गया। पाखंडवाद फैलाने से अच्छा है, लोगों कों तार्किक और वैज्ञानिक ज्ञान दीजिए। जिससे देश का भला हो।
अबे बेवकूफ विज्ञान भी बेदो से निकला है
आपने वेद पढ़े क्या वेद पढ़ो आपको वैज्ञानिक प्रमाण मिलेंगे।
@@TpBaliyanTpBaliyan ज्ञानी महोदय! आप इतनी शेखी बघार रहे हों, तो, आप ही बता दीजिए कि भारत सरकार ने UNESCO को जो Dossier दिया हैं, वह किस सदी का हैं। और वेद का पहला भाष्य किसने किया हैं
। तथा इसकी पांडूलिपि क्या हैं। तत्पश्चात, यदि बुद्धि हों, तो मुझसे तार्किक , वैज्ञानिक तथा पुरातात्विक आधार पर प्रमाण के साथ आपके सभी पाखंडवादी ,काल्पनिक धर्मग्रंथों पर डिबेट किजिए। आपके जितने भी ब्राह्मणवादी धर्मग्रंथ हैं, जैसे कि 4-वेद : ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद व अथर्ववेद। 6- शास्त्र, 18- पुराण, 108- उपनिषद, स्मृति, श्रृति, 300- प्रकार के रामायण, भगवद्गीता, महाभारत इत्यादि। बताएं। तैयार हो। आपका कोई भी शंकराचार्य अथवा भारत देश में आपका जो भी ज्ञानी व्यक्ति होगा, उसे भी लेकर आ जाव। किन्तु, सबूत और साक्ष्य के साथ।
ब्राहमण शास्त्र.
जिनको ब्राहमणो ने लिखा ब्राहमणो ने बांचा
ब्राहमण हित को सर्वोपरि रखा
बिल्कुल भी बिना जांच पडताल के स्वीकार्य नही है क्योकि ब्राहमण कभी भी सत्य व न्यायिक प्रवृति के नही होते है
सत्य यह है कि देवनागरी लिपी और संस्कृत बमुशकिल आठ सौ वर्ष पुरानी है
शोर मचाते है हजारों लाखों वर्ष पुराना होने का
भारत के स्वर्णिम युग के इतिहास को तबाह करने वाला यही समाज रहा है
🎉🎉🎉@@mehtabvaidhya5975
सादर नमस्ते जी 🙏🏼☀️💥🌺🙏🏻🚩🔥
थोड़ा साइंस जर्नी पर लाइव जुड़े और अपने ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाएं
ब्राहमण शास्त्र.
जिनको ब्राहमणो ने लिखा ब्राहमणो ने बांचा
ब्राहमण हित को सर्वोपरि रखा
बिल्कुल भी बिना जांच पडताल के स्वीकार्य नही है क्योकि ब्राहमण कभी भी सत्य व न्यायिक प्रवृति के नही होते है
सत्य यह है कि देवनागरी लिपी और संस्कृत बमुशकिल आठ सौ वर्ष पुरानी है
शोर मचाते है हजारों लाखों वर्ष पुराना होने का
भारत के स्वर्णिम युग के इतिहास को तबाह करने वाला यही समाज रहा है
मनुस्मृति के अनुसार सभी लोग वेद नहीं पढ सुन सकते थे?
Ye to galat baat hai
ब्राहमण शास्त्र.
जिनको ब्राहमणो ने लिखा ब्राहमणो ने बांचा
ब्राहमण हित को सर्वोपरि रखा
बिल्कुल भी बिना जांच पडताल के स्वीकार्य नही है क्योकि ब्राहमण कभी भी सत्य व न्यायिक प्रवृति के नही होते है
सत्य यह है कि देवनागरी लिपी और संस्कृत बमुशकिल आठ सौ वर्ष पुरानी है
शोर मचाते है हजारों लाखों वर्ष पुराना होने का
भारत के स्वर्णिम युग के इतिहास को तबाह करने वाला यही समाज रहा है
सत्यार्थ प्रकाश पढ़े
संस्कृति संसकार् की जननी है हमारे संस्कारो से हमारी संस्कृति को समझा जा सकता है
ऐसी संस्कृति जिसमे इन्सानियत है ही नही
Every Araya samaji people invited on rational world channel
Sadar Namaste Acharya Ji ! Awesome speech , quite logical , very effective, very convincing . Thanks a lot with gratitude for your informative speech.
सर आपका धर्म संसार में सबसे नया धर्म है
और आपके वेद सब १४ वे या १५ वे सदी में बनाए हैं
सबूत दो वरना कृपया बक बक मत किया करे
धन्यवाद
आखरी में संकल्प पाठ में प्रमाण दे दिया महाराज
सबसे पहले किसी भी ग्रंथ की भाषा और लिपि होती है कि वह किश भाषा मे लिखे हैं वही सबसे पुराना धर्म है गौतम बुद्ध से पहले सताईश् बुद्ध थे इसके प्रमाण खुदाई मे मिल रहे है बाकी किताबो मे करोड़ साल का लिखा होता है आज की बात भी अरबो साल की है लिख दे तो पचास साल बाद भी यही मानना पड़ेगा
Budh ho ya koi aur ke pass prithvi ka pahla insaan, pahla din,pahla saptah kaisa bana koi nahi janta he, yeh bat srif Bible Genesis 1 batata he. Isliye Bible pado to utpati itihaas sab pata chal jayega..
Wq7q612qqqqp
Aman_gautam_0144 ĺ
आचार्य जी बहुत ही अच्छा समझाया सुन्दर ढंग से धन्यवाद शुभकामनाएं नमस्ते ओ३म् ओ३म्
वेद जितना पुराना है उतनी पुरानी मनुष्य की सृष्टि है क्या ? उस काल में जब वेदों की खोज मानी गई है क्या भाषा संस्कृत थी आम जन की ? आर्य का मतलब विद्वान और अच्छे आदमी है तो यह एक उपाधि हुई ? फिर स्वयं तो उपाधि नही ली जाती ? आर्य उपाधि का धारण करना स्वयं कैसे सही है ? किस संस्था ने किस आधार पर आर्य उपाधि दिया किसी को ? यह देखना आवशयक है । खुद स्वयं को इदवान और अच्छा आदमी कहना तो अपनी पीठ थपथपाना हुआ ? जिज्ञासा का तर्क पूर्ण सार्थक समाधान किया जाए ।।
ब्राहमण शास्त्र.
जिनको ब्राहमणो ने लिखा ब्राहमणो ने बांचा
ब्राहमण हित को सर्वोपरि रखा
बिल्कुल भी बिना जांच पडताल के स्वीकार्य नही है क्योकि ब्राहमण कभी भी सत्य व न्यायिक प्रवृति के नही होते है
सत्य यह है कि देवनागरी लिपी और संस्कृत बमुशकिल आठ सौ वर्ष पुरानी है
शोर मचाते है हजारों लाखों वर्ष पुराना होने का
भारत के स्वर्णिम युग के इतिहास को तबाह करने वाला यही समाज रहा है
❤❤❤❤❤
धन्यवाद। अतीसुन्दर
गुरुजी आपको बहुत धन्यावाद आपने बहुत अच्छी बताई
Sadar naman
अगर आर्या का अर्थ गुणवान और अच्छे मनुष्य होते हैं तो लैटरिग साफ करने के लिए क्यों बोला है। और आप जो मुर्ख शब्द का इस्तेमाल कर रहें हैं ये आप के गुण और ज्ञान का परिचय देता है।
इनके जैसे गुणवान व्यक्ती बनने मे तुमको दूसरा जन्म लेना पड़ेगा
लगता है जो निम न किस्म के शुद्र होते है वो आप ही हैं
ये सक्षम क्या है?
कितने दिन हो गए?
जूते खाए।
ब्राहमण शास्त्र.
जिनको ब्राहमणो ने लिखा ब्राहमणो ने बांचा
ब्राहमण हित को सर्वोपरि रखा
बिल्कुल भी बिना जांच पडताल के स्वीकार्य नही है क्योकि ब्राहमण कभी भी सत्य व न्यायिक प्रवृति के नही होते है
सत्य यह है कि देवनागरी लिपी और संस्कृत बमुशकिल आठ सौ वर्ष पुरानी है
शोर मचाते है हजारों लाखों वर्ष पुराना होने का
भारत के स्वर्णिम युग के इतिहास को तबाह करने वाला यही समाज रहा है
झूठ पर झूठ बोले जा रहा है समानता की बातकर तेरे वर्णों का एक ऐसा महल है जो नीचे से ऊपर नहीं जा सकता ऊपर से नीचे नहीं आ सकता और बीच का बीच में रहता है ऐसे वर्ण महल को आग लगा दी जाए
ओ३म् ओ३म् ओ३म् ओ३म् ओ३म्
आपकी इस स्पीच के समय कितने मुसलमान बैठे है वहां।।।
Vaidik 🙏🙏🙏
I am ex-hundu I love Jesus Christ ♥️
अब तू राक्षस बन गया
@@haripriyaharipriya9966👉 Jesus' ke pass ane ke bad, nafratiyo ko, dushmano ke valai ke liye prathana karna sikhta he. Rakchas to woh he, jo insaan ko pyar nahi karta he, nafrat karta he..
Tu sala rakhyas ho ke janam liya ,tera hindu me Jada rakhyas hote he .@@haripriyaharipriya9966
Chor ho to uska rachhas police hi hota hai
@@haripriyaharipriya9966घमंड मे न रहो। दोष मत लगा। आप भी खाते हो। वो भी खाता है। आप भी मरोगे, वो भी मरेगा। मरने के बाद दोनों को सजा होगी । इसका समाधान निकालो। मुर्खो से बैठकर मूर्ख मत बन।
मेरी बात मान - सच्चे सत्य पवित्र आत्मा (पाक रुह) का ग्यान ले।
Om नमस्ते जी
Jai Nepal आमा को
Granth naya ho ya purana likhe to insano ne hi hai,, kisi bhi granth ko padne se hume wo gian nahi milta jo hamare sabhi prashnon ko khatam kar de ,,, sabse best granth insan ka sareer hi hai,, roz apne dil main jhank kar dekhna chahiye,, sabhi granth satkaaryog hai sabhi ik parmatma ki baat karte hai
Yathayogya Namaste 🙏 ji
ब्राहमण शास्त्र.
जिनको ब्राहमणो ने लिखा ब्राहमणो ने बांचा
ब्राहमण हित को सर्वोपरि रखा
बिल्कुल भी बिना जांच पडताल के स्वीकार्य नही है क्योकि ब्राहमण कभी भी सत्य व न्यायिक प्रवृति के नही होते है
सत्य यह है कि देवनागरी लिपी और संस्कृत बमुशकिल आठ सौ वर्ष पुरानी है
शोर मचाते है हजारों लाखों वर्ष पुराना होने का
भारत के स्वर्णिम युग के इतिहास को तबाह करने वाला यही समाज रहा है
दुनिया का सबसे पुराना ग्रंथ त्रिपीटक साथ साथ जैन धर्म के ग्रंथ उसके बाद बाइबल उसके बाद वैद उसके बाद कुरान शरीफ उसके बाद रैदास फिर कबीर फिर गुरु नानक साहब गुरु ग्रंथ साहिब
धन्यवाद जययोगेश्वर आचार्य बहुत बहुत बधाई
ब्राहमण शास्त्र.
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ब्राहमण हित को सर्वोपरि रखा
बिल्कुल भी बिना जांच पडताल के स्वीकार्य नही है क्योकि ब्राहमण कभी भी सत्य व न्यायिक प्रवृति के नही होते है
सत्य यह है कि देवनागरी लिपी और संस्कृत बमुशकिल आठ सौ वर्ष पुरानी है
शोर मचाते है हजारों लाखों वर्ष पुराना होने का
भारत के स्वर्णिम युग के इतिहास को तबाह करने वाला यही समाज रहा है
फिर इस समाज मैं जाति प्रथा क्यों है अंग्रेज भी विदेशी थे क्या वह लोग अच्छे थे क्यों भागना पड़ा उन सभी को इस पर कोई वक्तव्य आप अवश्य दें
आचार्य जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद।बहुत ज्ञानवर्धक संदेश के द्वारा आप हमारा मार्गदर्शन करते हैं हम आपका बहुत बहुत आभार प्रकट करते हैं।
मार्ग, सत्य,जीवन मै हु अर्थात जो सत्य है जीवन है
महाराज आपको बाईबल और प्रभु येशु के बारे मे कुछ नही मालुम नही फालतु बकवास बंद करो जनता को बेवकुब मत बनावो सनाततन को जानो
सत्य को जानो अरे बेकुब बाईबल हिब्रू में है नया नियम लॅटीन में है मनुष्य नाश अज्ञान से होता
सत्य का पता नही चले सनातन बने......
ओउम् आचार्य श्री कोति कोटि प्रणाम अति आनंद प्रभु जी 🎉🎉🎉🎉🎉🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏 वेद भगवान की जय यज्ञ भगवान की जय नमस्ते
आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री का भाई सालीग्राम गर्ग,सिगरेट,सराव पिता है,निरपराध ,आम लोगों वा ब्राम्हण महिलाओं को मार् पीट ,गाली गलोच करता है,तो समाज मे ये किस वर्ण मे मना जय।आचार्य जी किर्पया बताये।
भाई एक बात अच्छी तरह समझ लो!
कुरान ग्रंथ नहीं है! इस्लाम मानने बालो की जीवन पद्धति ओर टाईम टेबल है!
जो लिखा या बोला है,उसका एक शब्द भी बदला नहीं जा सकता...
बाकी सभी ग्रंथ है!
जिसको पढ़कर, मनन चिंतन कर ,
आत्मा को सरसता के साथ समझा ओर सशरीर जिया जा सकता है!
कुरान दिमाग में निवास करती है
ग्रंथ दिल में!!
सभी को नमस्कार!!
Granth me kya likha hota he ??.?granth kise kahte he? ?? Aur dharm granth kise kahte he??? Quraan srif islaam manne walo ke liye jivan padhati he 😀ved srif sanskriti manne walo ke liye jivan padhati he 😄 magar Bible Sare manav jati ke liye he, Bible srishti karta Iswar ka bachan he 🙏.
राइटब्रदर अपने सही कहा
सादर नमस्ते आचार्य जी महाराज कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏🙏🙏🏵️🏵️🌹❤️❤️🌹💐🏵️🙏🙏🌷🌷
वेद कुछ भी पुराने नहीं हैं ना ही संस्कृत भाषा और देवनागरी लिपि बहुत पुरानी है भारत मे प्राकृत और पाली भाषा ही पुरानी भाषा है वेद संस्कृत में हैं अत बहुत पुराने नहीं है
तू खुद क्या पाली भाषा जानता है क्या पाली भाषा पागलों की भाषा
Namaskar aacharya ji itna badhiya samjhane wala Maine abhi tak nahi suna
ब्राहमण शास्त्र.
जिनको ब्राहमणो ने लिखा ब्राहमणो ने बांचा
ब्राहमण हित को सर्वोपरि रखा
बिल्कुल भी बिना जांच पडताल के स्वीकार्य नही है क्योकि ब्राहमण कभी भी सत्य व न्यायिक प्रवृति के नही होते है
सत्य यह है कि देवनागरी लिपी और संस्कृत बमुशकिल आठ सौ वर्ष पुरानी है
शोर मचाते है हजारों लाखों वर्ष पुराना होने का
भारत के स्वर्णिम युग के इतिहास को तबाह करने वाला यही समाज रहा है
Sanskriti is amalgam of Literature, Food, Music, Art, Dress, Political view and Philosophy.
नमस्ते गुरू जी.
आर्य समाज के संतो ने तो यह भी कहा की मूर्ति पूजा व्यर्थ है ,क्यों नहीं हटवाते हो मन्दिरों को ये जम के दुकानें चला रहे हैं। ऐसी संस्कृति से क्या लाभ जिसमे जाति पातीं हो ऊंच नीच हो , कम संख्या में आए मुसलमानों और अंग्रेजो ने भारतीय का शोषण किया
चांडल मंदिर में भगवान नहीं तेरे जन्म दाता हमारे पूर्वज बैठे हैं, उनकी पूजा अर्चना हम सभी मिलकर कर रहे, .......हम अपने पूर्वजों के ऋणी हैं,उनके सम्मान में ही फूलमालाएं चरणों में अर्पित करते हैं......
@@LalsinghButrecha असभ्य भाषा का प्रयोग कोन करता है ,अपने आप समझो में क्या कह रहा हूं
जय भीम
फिर सतनाम पंथ सच्चनाम याने सत्य दर्शन
Jai Shri Ram
વાહ....
योगेश जी ❤
अति सुंदर और प्रेरणा दायक
वेद पढ़े बिना विप्र कहावै सपरिवार नरक में जावै।। आचार्य जी को सादर नमस्ते। आर्य पुत्र।।
Ye bhi galat hai
@@NotrotBarayyyy!
और महाराजी आर्य समाज में मूर्ति पूजा तो है नहीं यह एक ईश्वर के कॉन्सेप्टपर चलता है तो फिर इतने सारे देवी देवता का पूजा क्यों
और महाराज जी वैदिक धर्म के हिसाब से इंद्र जी होते हैं तो उनका पूजा क्यों नही
और आप कह रहे हैं कि वर्ण व्यवस्था कर्म के आधार पर होता है पर ऐसा कहीं पर तो लिखा नहीं है वर्ण व्यवस्था जन्म के सिद्धांत से काम करता है। और बेचारा शुद्ध को तो कहीं पर भी पढ़ने का धन संपत्ति रखने का अधिकार तो दिया नहीं है केवल उनको सेवा करने का काम थोपा गया है
आप की पीड़ा ब्राहमणों को बताओ,
Jay Shri radhe❤
Radhe shabd to किसी ग्रंथ। में लिखा नही है
भई साहब आपको अच्छी तरह से पता है कि भारत देश में मशहर होना है, पैसा बनाना है तो देश में धार्मिक अंधकार को बढ़ावा देना सही और शॉर्ट कट है ll
तो आ जाओ शास्त्रार्थ कर लो ।
बाइबल और वेद पुराने ग्रंथ है परंतु कुरान इसी का हिस्सा है जो ओरिजिनल रूप में फाइनल एडिशन और आखिरी एडिशन दुनिया के लिए
बहुत सुन्दर आचर्य जी
Mae apki baton se sahmat hu. Sahi pravachan ke lie dhanyavad.
3% ब्राह्मण लोगो के लिये है
ARYA SAMAJ AMAR RAHE
MAHARISHI SWAMI DAYANAND SARASWATI JI AMAR RAHE
Ved puran 516 esa purav likhe gaye usake pahale baud desh tha dham lipi thi aarya videsi hai madhesiya se aaye the enhone apni sanskrati sthapit kar diya aap jhuth bol rahe ho shudro ka shishha ka adhikar nahi diya braman bahut jhuth bolta hai
अद्भुत ज्ञान 🙏🏻⚘️
Bakwas se jyada kuchh nhi
Sahi mei Acharya Yogesh ji aap sakshat Rajiv Dixit ho
I love jisus
JESUS is LORD❤
Last Book of Bible written in the year 68-69 AD.
Earliest Book of Bible is not known.
कोई ऐसा ज्ञान बताओ जिससे सारे मनुष्य को सुखी जीवन मिले और अपनी इच्छा के अनुसार अपना जीवन जी सके ऐसी व्यवस्था के बारे में अगर आपको कुछ पता हो तो बताओ वरना यह पाखंडवाद बंद करो
Good
इतने अरब इतने करोड़ इतने 1000 बस एक बात मुझे बताइए कागज का निर्माण कबहुआ जो आपने बताएं है वेद पहले आया या कागज कौन से सन में कौन से सन में वेद
समाज का जिवन शैली ही संसकृती है
जय हो आचार्य
🚩🙏🌹
दुनिया का सबसे पुराना ग्रंथ त्रिपीटक है। इसके बाद बाइबल , दसवीं शताब्दी में वेद , चौदहवीं शताब्दी में कुरान लिखा गया है।
वेद देव संसकृत मे है तो पढेगा कौन
Jo sirif musalman hi nabi ko nabi mante hai....................
मनुवादी ब्राह्मणों की संस्कृति जातिवाद पर आधारित है जो कि वर्ण व्यवस्था कहलाते हैं!
गैर प्रमाणिक बातों को 'दैवीय ' घटना बताकर थोपना ब्राह्मण धर्म की परंपरा रही है, यही इन सर ने किया है।
सिंधु घाटी सभ्यता 3500 वर्ष पुरानी लेकिन भाषा के नाम पर केवल symbols और ये बातें करते हैं अरबों वर्ष की।
ये प्रचारक हैं और अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
जय विज्ञान जय संविधान
महोदय आप निश्चित रूप से उच्च कोटि के ब्याख्याकार हैं नमस्कार स्वीकार हो ।ॐ शिव । 🙏
आप का ज्ञान मन को एकाग्र होकर सुनने के लिए मजबूर करता है आप धन्यवाद 🎉🎉
Purane granth ka tatpar sachchai se nahi hota hai
Ram Ram ji good job ❤❤❤❤❤❤❤❤
🙏🙏🙏🙏 namaste acharya ji
जय श्री राम🙏🚩
जो सन्मार्ग पर दृढ़ता पूर्वक अरुढ़ है उसे आर्य कहते हैं
कोरा गप्प है। वेद सबसे पुराने हैं क्या प्रमाण है दिखाइये।
पहले पत्थर, ताम्र पत्र, आदि में लिखते थे एक टुकड़ा दिखाओ तब मानें।
इनमें मिलावट नहीं हो सकता क्या गजब बात है।
पुराणों में अकबर , विक्टोरिया,लार्ड मैकाले का नाम कैसे लिखा गया है।
पुराण मध्य कल में लिखा गया पुस्तक मात्र हैँ जो मूर्खो द्वारा लिखा गया है रही बात वेद तो वेद आज भी बच्चों को कंठस्थ कराया जाता है ठीक मूर्खो जैसी बात मत किया करो
तेरे पिता जी के परदादा को तूने देखा है अगर देखा है तो सबूत दें अरे अरे पिता के परदादा को छोड़ तू अपने परदादा को देखा है अगर देखा है तो सबूत दे तेरा खुद का कुल बंस कहां से चला है कौन ता वो मुस्लिम ता या ईसाई ता या फिर ब्राह्मण ता कौन था तेरे पास कोई ठोस सबूत है अगर है तो सबूत दे वरना तुम पक्का मिलावटी पीस है बकवास कररहा है दूसरे से सबूत मांगने से पहले अपने खुद के सही होने का सबूत ढूंढो
तुम तो जी कह रहे हो और वेद में रामायण में तो लिखा गया है कि जो ज्ञानी है जो पढ़ने दे पंडित है सोई ज्ञानी है वह पंडित को ही वेद पुराण पढ़ने का अधिकार है सूत्रों को कहां दिया है यह अधिकार वह कितना भी ज्ञानी हो लेकिन उनका सम्मान कहां मिल रहा है आज तक मिला है कहीं गाड़ी दे गई अगर गुना के और कर्मों के हिसाब से गाड़ी मिलती तो आल्हा को दिल्ली का राजा क्यों नहीं बनाया गया द्वापर में पृथ्वीराज को ही क्यों गाड़ी का राजा माना गया जो 10 बार हार कर भी भाग फिर भी आल्हा को गाड़ी नहीं डीजे में आल्हा के अधीन गाड़ी थी कानन दिल्ली की
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सत् साहेब जी गुरुजी को कोटि-कोटि दण्डवत प्रणाम 🙏🙏🌹
केशव चंद्र सेन ,,,जो नव ब्रह्म समाज के संस्थापक थे।
Acharya ji koi hindu Muslim na our koi bhi hai sach to yeh hai ham sab ak hain manab hamara jati hai
सद गुरु जी को चरण स्पर्श,सत साहेब, सत साहेब, सत साहेब, साहेब बंदगी।🙏🙏🌹🌹💐🌹🌹🙏🙏